क्या हमे हॉलमार्क गहनों की जरूरत है ?
अगर आप सोना बेचने जा रहे है तो 1 ग्राम से अधिक वजन के सभी सोने के गहनों को लैब में से एक मार्का लगाने की जरूरत होती है।
कुछ देशो में कीमती धातुओं को बेचने के लिए हॉलमार्किंग की जरूरत नहीं होती है, और कई देशो में ये माणक बहुत सख्ती से लागू है। अब भारत में भी ये मार्का लाजमी हो चुका है।
हॉलमार्किंग सोने या दूसरी कीमती धातुओं के रूप को जानने के लिए एक महत्वपूर्ण प्रोग्राम है, लेकिन ये क्या है ?
BIS हॉलमार्क क्या है?
BUREAU OF INDIA STANDARDS
BIS हॉलमार्क मुख्य रूप से सच को स्थापित करने की एक पर्किर्या है,जो सोने, चाँदी,प्लैटिनम या पैलेडियम और वाइट गोल्ड से बने गहनों के सच को स्थापित करता है।
हॉलमार्क निर्माता धातु की शुद्धता को दर्शाता है, कि ये किसके द्वारा निर्मित है और कौन से वर्ष में इस पर मोहर लगी थी।
यदि आप कीमती धातुओं को बेच रहे है तो आप को गहनों की शुद्धता के लिए मार्का लगवाने की आवशक्यता होती है। एक निश्चित वजन पर बिना हॉलमार्क वाली कीमती धातुओं को बेचना कानून के खिलाफ होता है।
गहनों का वजन धातु पर ही मापा जाता है और स्टोन्स का वजन अलग हुआ करता है। नीचे लिखे वजन से अधिक धातुओं को हॉलमार्क किया जाना चाहिए :-
सोना :- 1 . 000 ग्राम
चाँदी :- 7. 780 ग्राम
प्लैटिनम :- 0 . 500 ग्राम
वाइट गोल्ड :- 0 . 500 ग्राम
पैलेडियम :- 1 . 000 ग्राम
अपने गहनों पर एक हॉलमार्क होने के बावजूद, आप ग्राहक को इसकी प्रमाणिकता का भरोसा दे सकते है, इसलिए कम वजन वाली धातुओं को भी हॉलमार्क कर लेना चाहिए।
क्या मैं अपनी ज्वेलरी पर खुद का मार्का हॉलमार्क लगा सकता हूँ ?
नहीं ये काम आप नहीं कर सकते ये गैर-कानूनी है ये मार्का एक सर्टिफाइड जाँच केंद्र से ही लगना चाहिए जो गवर्नमेंट से वेरिफ़िएड हो।
मैं अपनी ज्वेलरी हॉलमार्क कैसे करवा सकता हूँ ?
आप अपनी चुनी हुई लैब { जाँच केंद्र }के माध्यम से अपनी ज्वेलरी हॉलमार्क करवा सकते है, परन्तु उसके लिए आपको निर्माता हॉलमार्क रजिस्ट्रेशन करवाना होता है उसके लिए आप को अपने विवरण के साथ कुछ जरुरी फॉर्म भरने पड़ते है और रजिस्ट्रेशन फीस भरनी होती है और इस तरह एक लाइसेंस आप के नाम बन जाता है जो की हर साल कुछ फीस के साथ नवीनीकृत करवाना होता है।
हॉलमार्किंग का कितना मूल्य चुकाना होता है ?
अलग-अलग देशो में इसकी लगत अलग-अलग है। भारत में हॉलमार्क सेण्टर के लिए 120000 रुपए की लागत आती है। जब हम हॉलमार्क सेण्टर पर जाते है तो गहनों को हॉलमार्क करवाने के लिए कुछ मूल्य चुकाना होता है, तभी हमारे गहने हॉलमार्क टेस्ट हो पाते है।
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