Wednesday, 27 May 2020

JEWELLERY TOOL FOR MAKE A CIRCLE

रूल

       रूल वो टूल जो किसी सोने या चाँदी की तार या पाइप को गोल करने के लिए उपयोग होता है। इसमें ५ साइज होते है, ये लोहे और लकड़ी के होते है। जो सबसे छोटे साइज का है उसे तकला बोलते है। इसका एक सिरा तीखा और दूसरा सिरा फ्लैट होता है। उससे बड़े रूल को केलेठी कहते है इसका एक सिरा पतला और दूसरा सिरा उससे मोटा होता है। तीसरा रूल उससे भी थोड़ा मोटा होता है शेप उसी प्रकार एक साइड पतली और दूसरी साइड थोड़ी मोटी होती है। 
        चौथा और पांचवा रूल भी इसी शेप में होता है परन्तु इनके काम अलग-अलग होते है। गहने बनाते समय जब किसी जगह पर हमे गोलाई की जरुरत होती है उस जगह पर इस  टूल  का उपयोग होता है। पहले तीन प्रकार के रूल सॉलिड है और चौथे  और पांचवे  प्रकार का रूल अंदर से खोखला होता है।
                        बाली या कंगन को जब जिंदरी में से निकाल लिया जाता है मतलब जब पाइप के बारे पुरे हो जाते है तब इन रूल ली सहायता से उस पाइप को गोल करके बाली या कंगन का रूप दिया जाता है। लकड़ी के रूल भी इन्ही तरह के कामो में उपयोग होते है। लकड़ी के रूल को उपयोग करने का मतलब इतना ही है कि जब कोई पाइप इस पर गोल लिया जाता है तो अगर थोड़ी बहुत चोट लगने से पाइप के ऊपर डेंट नहीं पड़ते है। 

ROOL

    Rule is a tool used to round a wire or pipe of gold or silver. It has 5 sizes, it is make with iron and wood. The one who is of the smallest size speaks the takla. It has a sharp end and the other end is flat. A rule larger than that is called Kelethi, with one end thinner and the other end thicker than that. The third rule is slightly thicker than that, the shape is similarly thin on one side and slightly thick on the other side.
                   The fourth and fifth rule is also in this shape, but their functions are different. This tool is used when making ornaments where we need rounding at some place. The first three types of rule are solid and the fourth and fifth types of rule are hollow from inside.
                   When the earring or pipe bracelet is removed from the draw plate means that when the pipe is complete, then with the help of these rools, the pipe is rounded and shaped into the earring or pipe bracelet. Wooden rools are also used in these types of works. The use of wooden rule means that when a pipe is rounded on it, if there is a slight injury, there is no dent on the pipe.
https://clnk.in/kHzB

Saturday, 23 May 2020

NUMBER ROOL

नाप वाला रूल 

 रिंग बनाने के लिए रिंग बनवाने वाले की ऊँगली का माप लिया जाता है। जिसके लिए नाप लेने वाली गेज का उपयोग किया जाता है। उस गेज से सीधे तो रिंग का साइज पता नहीं लगाया जा सकता, इसलिए उस साइज का पता लगाने के लिए जो टूल उपयोग किया जाता है, उस को नाप लेने वाला रूल कहते है। नाप वाले रूल के उपर १ से ले कर ३६ नंबर तक नंबर लिखे होते है। नाप वाली गेज के रिंग को रिंग बनवाने वाले की ऊँगली में डाल कर पहले उसका नाप लिया जाता है और जब रिंग का साइज बनाना होता है तो उस रिंग को इस रूल में डाल कर नंबर नोट करके उस नंबर के साइज की रिंग तैयार की जाती है। 

RING SIZER ROOL

RING SIZER ROOL

To make a ring, the finger of the ring maker is measured. For which a measuring gauge is used. The size of the ring cannot be detected directly from that gauge, so the tool used to detect that size is called the measuring rool. Numbers are written from 1 to 37 numbers above the measured rool. The gauge gauge is first measured by putting it in the finger of the ring maker, and when the size of the ring is to be made, put that ring in this rool and note the number and make a ring of that number size.

सलाई या तोड़ 

सलाई वो टूल है जो कुंडे बनाने के लिए उपयोग किया जाता है। जहाँ कही भी कुंडो की जरूरत पड़ती है वहा पर इन ही सलाइयों का उपयोग किया जाता है। ये लोहे की सीधी रोड की तरह होती है। जब किसी ज्वेलरी को कुंडो से बनाना हो तो इन पर आसानी से एक समान कई कुंडे बना के उपयोग किये जाते है। इन की वजह से टाइम तो बचता ही है और आसानी से जल्दी पूरा भी हो जाता है। कोई बाली का पाइप या कड़े का पाइप भी पहले इन्ही पर गोल किया जाता है और बाद में जिंदरी में से खींचा जाता है। इन में हर साइज मौजूद होता है बारीक से बारीक और मोटे से मोटा जो हर प्रकार के काम में उपयोग होते है। 
salayan

 SALAYAN

Salai is the tool used to make furrows. Wherever furrows are required these same salayans are used there. It is like an iron straight road. When a jewellery is to be joint with a furrow, it is easily used to make several identical furrows. Due to these, time is saved and easily completed quickly. A Bali pipe or a ladies kara pipe is also first rounded on these and later drawn from draw plate. Every size is present in them, finely fine and thick to thick, which are used in all types of work.

तनिष्क 


तनिष्क भारत में आभूषणों के खुदरा स्टोरों का एक ब्रांड है। ब्रांड टाइटन कंपनी की संपत्ति है, जो कि टाटा ग्रुप और TIDCO द्वारा वापस आ गई है।



तनिष्क नाम को टाइटन के पहले प्रबंध निदेशक ज़ेरेक्स देसाई द्वारा चुना गया था। नाम का गठन टाटा और "NishK" (संस्कृत में सोने का सिक्का या हार) से पहले दो अक्षरों को मिलाकर किया गया था, हालाँकि  को संशोधित कर दिया गया है। एक अन्य सूत्र के अनुसार, यह नाम संस्कृत भाषा में दो शब्दों टैन (बॉडी) और निश् (सोने के आभूषण) के साथ बना है, एक नाम जो श्रेष्ठ कारीगरों या पूर्ण डिजाइन का पर्याय है।
TANISHQ

Tanishq is a brand of jewellery retail stores in India. The brand is the property of Titan Company, which is back by Tata Group and TIDCO.



The name Tanishq was chosen by Titan's first managing director Xerxes Desai. The name was formed by combining the first two letters from Tata and  "NISHK" (meaning gold coin or necklace in Sanskrit), although the k has been modified into. According to another sources, the name is formed with the two words Tan (body) and Nishk (gold ornament) in the Sanskrit language, a name synonymous to superior craftsmen or absolute design.

Tuesday, 19 May 2020

USES OF JAMUR OR JAMBOOR

जमूर या जंमबूर

 जमूर के नाम से ही पता चल जाता है कि जम के पकडना। जमूर जिंदरी में से तार और पाइप खींचने के लिए उपयोग किया जाता है।  इसकी पकड मजबूत होनी चाहिए। इसके मुँह में  जहाँ  से पकड बनती है, वहां पर छोटे-छोटे  कट लगे होने के कारन इसमें से असानी से कोई भी बनाए जाने वाला जेवर जल्दी से फिसलता नही है।  तारे खीचने के लिए छोटे जमूर का अगर तार मोटी हो तो मोटे जमूर का और जहाँ पाइप खींचना हो वहां  बडे जमूर का  उपयोग किया जाता है।  
बाली बनाने के लिए जब जिंदरी में से पाइप को निकलना होता है, तब जमूर की पकड मजबूत न ​​होने के कारन पाइप जमूर से फिसल कर टूट सकता है जो कि  वेसटेज का कारन बनता है। इसीलिए  बाली बनाते समय उपयोग होने वाले जमूर के मुंह में कट सही लगे होने चाहिए। ताकि सोना वेस्ट ना हो। 
जब कोई कारीगर नगों वाला गहना बनाता है और उसमें नग को पकडने के लिए जो पाइप बनाया जाता है (कलोंच पाइप), वो बहुत मोटा बनाना पडता है। इस मोटे पाइप को खीचने के लिए यू कट वाला जमूर और उसको पकड कर खीचने वाला अड्डा  बहुत ज़रूरी  होता है कयोंकि हाथ से इस जमूर पर पकड अच्छी तरह से नहीं होती है।

JAMUR OR JAMBOOR {PLIERS}

It is known by the name of Jamur that the arrest of Jamur. Jamur is used to pull wires and pipes out of draw plate. Its grip should be strong. Due to the small cut in the mouth from where the catch is made, no jewelry made from it is easily slipped from it. If the wire of the small jamur is thick to pull the stars, then the thick jamur is used and the big jamur is used where the pipe is to be pulled.

When the pipe has to come out of the draw plate to make the earring, the pipe may slip and break from the jamur due to the strong grip of the jamur, which becomes the reason for the waste. That is why the cut made in the mouth of the jamur used while making the earring should be correct. So that gold is not waste.

When an artisan makes a jewel with nudes and the pipe made to hold the nuggets in it (Clonech pipes), it has to be made very thick. To cut this thick pipe it is very important to have a U-cut jamur and the base to hold it because it does not hold well on the jamur by hand.


INDIAN BRAND TANISHQ


 



क्या आप जानते हैं कि तनिष्क भारत का पहला ज्वेलरी ब्रांड हैं। यह टाटा कंपनी का एक हिस्सा है। अगस्त 1992 में पहला प्रोडक्शन प्लांट शुरू किया गया और तनिष्क का पहला स्टोर 1996 में खुला। तनिष्क के पहले वर्षों ने लगातार नुकसान दर्ज किया। 2000 में, प्रबंध निदेशक ज़ेरक्सस देसाई ने उन्हें सफल बनाने के लिए भास्कर भट को चुना। 2000 में शुरू होने के साथ, इसका शुद्ध मूल्य बढ़ने लगा और 2003 तक, तनिष्क भारत के शीर्ष 5 खुदरा विक्रेताओं में से एक था, और टाइटन समूह के राजस्व का 40% हिस्सा बना। तनिष्क ने फेमिना मिस इंडिया 2007 के लिए सौंदर्य प्रतियोगिता का ताज बनाया। 2008 तक, तनिष्क के भारत के 71 शहरों में 105 स्टोर थे। 2011 में, तनिष्क समूह ने कामकाजी महिलाओं के लिए मिया नामक उप-ब्रांड का शुभारंभ किया। नवंबर 2012 में तनिष्क एक ऐतिहासिक स्थल पर पहुंचा, जब उसने भारत में अपना 150 वां शोरूम खोला।
Do you know that Tanishq is the first jewelry brand in India. It is a part of the Tata company.
The first production plant was started in August 1992 and Tanishq's first store opened in 1996. The first years of Tanishq recorded steady losses. In 2000, managing director Xerxus Desai chose Bhaskar Bhat to succeed him. Starting in 2000, its net worth began to grow and by 2003, Tanishq was one of the top 5 retailers in India, and made up 40% of the Titan Group's revenue. Tanishq crowned the beauty pageant for Femina Miss India 2007. As of 2008, Tanishq had 105 stores in 71 cities in India. In 2011, Tanishq Group launched a sub-brand for working women called Mia. Tanishq reached a landmark in November 2012, when it opened its 150th showroom in India.

Sunday, 17 May 2020

JEWELLERY MAKING TOOL CUTTER PART 2


कटर 

                पिछले भाग में हमने कटर जो ज्वेलरी बनाने के काम में उपयोग होते है उनके जिक्र शुरू किया था उसी को कंटिन्यू करते हुए ज्वेलरी कटर के बारे में कुछ और बात करते है। मैने कहा था सारे कटर लोहे के होते है पर इसमें लोहे के इलावा स्टेनलेस स्टील के कटर भी होते है उनकी कॉस्ट कुछ अधिक होती है इसलिए कारीगर इनका उपयोग कम करते है। जैसे की रवा कतीरा ये पूर्ण  तोर से स्टील में भी आता है और इसकी धार भी तेज़ होने के कारन ये बहुत अच्छे से काम करता है। 
           इसके काम के बारे में बात की जानी  चाहिए। तार को इसके बारीक छेद जितना बारीक करके इनमे डाला जाता है और उस तार के छोटे-छोटे टुकड़े किये जाते है। इन टुकड़ो को ग्लास वूल के उप्पेर अलग-अलग रख कर आग से मेलेट करके गोल किया जाता है ताकि ये गहने बनाने में काम आ सके। 
              इसी तरह मेच कतीरा होता है इससे भी ये काम किया जा सकता है पर इससे कई बार साइज छोटा-बड़ा होने के कारण रवो के लिए रवा कतीरा ही सही मायने में उपयोग करना चाहिए। मेच कतीरा पत्ती को या जहॉ जायदा मोटी तार जो रवा कतीरे में न आती हो ,वहा बहुत सावधानी से की साइज बड़ा छोटा न हो जाये उपयोग किया जा सकता है। 
               साइज़र कतीरा से हम खोखली बोल {गोली} बनाते है। रवे का वजन जायदा होता है इसलिए इसको हर जगह पर गहने बनाने में उपयोग नहीं किया जा सकता, क्योकि इससे घने का वजन जायदा हो जाता है इसलिए इसकी जगह पर खोखली गोली का उपयोग किया जाता है। इसलिए यहाँ पर साइज़र कतीरे का महत्व बढ़ जाता है। 

CUTTER


In the previous section, we started referring to the cutters used in the making of jewelry, while continuing the same, let's talk a little more about jewelry cutters. I had said that all cutters are of iron, but there are also stainless steel cutters in addition to iron, their cost is slightly higher, so the artisans use them less. Like Rava-Katira, this cutter is also comes in steel and it works very well due to its sharp edge.

           Its work should be talked about. The wire is inserted into it as finely as its fine hole and small pieces of that wire are made. These pieces are kept separately on the glass-wool and melting with fire, {it can be make solid ball,} so that it can be used to make jewelry.

            In the same way, there is a Sizer Katira, this can also be done, but due to its small size, the rava katira should be used only for ravas. Sizer katira leaf or wherever thick wire does not come in rava katre, can be used very carefully so that the size does not become too small or big.

              From Sizer Katira, we make hollow balls. The weight of a rave is high, so it cannot be used to make ornaments everywhere, because it reduces the weight of the jewelry, so a hollow ball is used instead. Therefore, the importance of sizer cutter increases here.
https://thekiranjewellery.blogspot.com



Friday, 15 May 2020

JEWELRY MAKING TOOL CUTTERS

कटर 

कटर { कतीरा ,केंत } अलग-अलग भाषाओँ में अलग-अलग नाम है इस औज़ार के। इसमें छोटी कतीरी से ले के बड़ी केंत तक आदि सभी शामिल है। अलग-अलग प्रकार के कटर गहने बनाने में उपयोग में आते है। जो बारीक तार है, उसे काटने के लिए छोटी कतीरी और जो मोटी तार है उसे काटने के लिए मध्यम कटर उपयोग में आता है।  जायदा मोटी तार या पीस को काटने के लिए बड़े कटर या केंत को उपयोग करना पड़ता है। कई जगह पर तीखी नाक वाली कटर  यूज़ करनी पड़ती है, जैसे जो बारीक कुंडे होते है उन के लिए। ये कटर पूर्ण रूप से लोहे से निर्मत होते है। रवा कतीरा एक कटर, जो तार को छोटे-छोटे टुकड़ो में काटता है जिससे बारीक बोल बनती है। साइज़र कतीरा बराबर माप में काटने के लिए होता है इसमें साइज को छोटा बड़ा करने के लिए एडजस्टमेंट लगी हुई होती है जिससे पत्ती और तार को अलग-अलग किसी भी साइज में काटा जा सकता है। 

CUTTER 

Cutter {Katira, Kant} This tool has different names in different languages. It includes everything from small katiri to huge cutter etc. Different types of cutters are used in jewelry making. The medium cutter is used to cut the fine wire which is fine wire and the thick wire which is cut. Larger cutters or huge cutters have to be used to cut more thick wire or pieces. In many places, sharp-cutter have to be used, such as those for fine ends. These cutters are made entirely of iron. Rava katira is a cutter, which cuts the wire into small pieces which makes  fine ball. Sizer katira is meant to be cut in equal measure, with an adjustment to make the size smaller, so that the leaf and wire can be cut separately in any size...

Thursday, 14 May 2020

JEWELRY MAKING TOOL DRAW PLATE

जिंदरी (जिन्दी )

जिंदरी इंग्लिश में ड्रा प्लेट  यह टूल सदीओं से सोने और लोहे के काम में उपयोग हो रहा है। ड्रा प्लेट यह एक प्रकार की तार या पाइप खीचने वाला औज़ार है। इसमें एक या एक से अधिक छेद  होते है जो तार या पाइप को पतला और लम्बा करने के काम आते है। लोहे के काम में भी जिंदरी  तार बनाने के काम आती है जिस तार से पेच बनते है। सोने के काम में जब बाली बनती है तो उस पाइप को इसमें से खीचा जाता है ता की वो पाइप मजबूत बन सके और आसानी से बेंड हो सके।  जो हाथ के कंगन बनते है वो भी इसी की सहायता से बनते है। 
                       तार को अलग-अलग सुन्दर  रूप देने के लिए इन जिन्द्रिओ के छेद भी अलग-अलग आकर में होते है जैसे :-गोल, चौरस, अंडाकार, अर्द-गोलाकार बल लिए हुए (टविस्ट )और भी बहुत सरे सुन्दर-सुन्दर  आकर में ये जिंदरी होती है  जिनसे तार,बाली और कड़े (कँगन) आदि तैयार किये जाते है।
ये जिन्द्रिया लोहे,स्टील और पीतल की होती है। स्टील की जिन्दी सबसे अच्छी होती है। लोहे की जिन्दी के सुराख़ जल्दी खुल जाते है और जो पीतल की जिन्दी होती है उसमे सिर्फ सेण्टर में जहाँ से तार खींचनी होती है उसी  जगह स्टील लगी  होती है। बाकी उस सुराख़ को पीतल के सांचे में पकड़ा होता है। 

DRAW PLATE

Draw plate Jindri in Hindi. This tool has been used in gold and iron work since centuries. Draw plate this is a type of wire or pipe pull tool. It has one or more holes which are used to thin and lengthen the wire or pipe. Draw plate is also used in iron work for make wire, the wire from which screws are made. When the earrings are made in gold work, the pipe is pulled from it so that the pipe can become strong and bend easily. The pipe hand bracelets that are also made with it's help.

                   In order to give different beautiful shape to the wire, the holes of these draw plates are also in different shapes like: - Round, Square, Half Round, Oval, Twisted and in very much beautiful shape, from which wires, earrings and pipe bracelets etc. are prepared.

                 These draw plate are made of with Iron, Steel and Brass. Steel life is best. The hole of the Iron draw plate opens quickly and in the Brass draw plate, the only place where the wire has to be drawn in the center is of Steel, the rest of the hole is held in the Brass mold.

Tuesday, 12 May 2020

jewellery making tool BLOW PIPE { BANKNAL} and GAS LAMP

बंकनाल
                                                                                       बंकनाल [BLOW PIPE]:बंकनाल एक ऐसी पाइप है, जिससे सोने के जेवर बनाने वाला कारीगर फूंक मार कर मुँह हवा  को कंट्रोल कर आग के सेक से जेवर को जोड़ते है। इस बंकनाल के आगे वाला हिस्सा मुड़ा होता है और जो हिस्सा मुँह में डालकर फूंक मरते है वो थोड़ा मोटा होता है।गैस का लैंप (दिया) और  बंकनाल   इनका  उपयोग बहुत समय से सोने के जेवर बनाने के लिए हो रहा है। दिए की जगह पहले मोम का दिया और फिर स्परिट लैंप या मिटटी के तेल का लैंप था।  इससे पहले इस बंकनाल का आकर सीधे पाइप की तरह होता था और ये भारी होने के कारन हाथ में ही पकड़ना पड़ता था जबकिआज-कल की  बंकनाल को मुँह में दाँतो से पकड़ कर फूंका जाता है। पुरानी बंकनाल के लिए जायदा आग की जरुरत होती थी और इससे मोटे-मोटे जेवर जो की सॉलिड यानि वजन में जायदा होते थे।अब तो सोल्डरिंग गन {जोड़ने वाली बंकनाल} का उपयोग  लगा है इससमे अलग से आग का दिया जलाने की जरुरत नहीं पड़ती क्योकि इससमे एक मोटर लगी होती है जो हवा देने का काम करती है और प्रैशर को कंट्रोल करने के लिए एडजस्टमेंट लगी होती है, ये  सीधे गैस सिलेंडर से अटैच होती है। सोल्डरिंग सिस्टम भी अलग-अलग तरह  है कम प्रैशर वाले और जायदा प्रैशर वाले छोटे कामो के लिए लो प्रैशर वाला सोल्डरिंग सिस्टम और बड़े काम जैसे सोने को मेल्ट करने के लिए हाई प्रैशर वाले सोल्डरिंग सिस्टम की जरूरत पड़ती है। जेवर को बनाते समय बहुत ध्यानपूवर्क इन सोल्डरिंग सिस्टम का इस्तेमाल करना चाहिए जो जेवर कम वजन का हो खास तोर उसमे क्योंकि ये जल्दी सेक से मेलट हो जाते है और जेवर खराब हो सकता है जिससे वेस्टेज बड़ जाने से जेवर की कीमत भी बड़ जाती है।अब एक नई तकनीक लेजर से जोडने की मारकीट में विकसित हो चुकी है ।  ये जयादा महिगी होने के कारन अभी भारत में इतनी परचलित नही है, पर अगर कोई नया जेवर टूट जाए तो इसका उपयोग सब से बढिया रहता है, कयोंकि इससे नया टूटा जेवर जोडने से काला नही होता और उसकी चमक खराब नहीं होती है ।

BLOW PIPE

BLOW PIPE:-BLOW PIPE is a pipe through which the gold jewelry artisans blow the mouth and control the air and connect the jewels with fire. The front part of this blow pipe is folded and the part which burnt by putting it in the mouth is slightly teeth. GAS LAMP AND BLOW PIPE used for a long time to make jewelry. The lamp was replaced by a wax and then a sprit lamp or clay oil lamp. Earlier the shape of this blow pipe was like a straight pipe and due to it being heavy, it had to be held in the hand where as the blow pipe of today is caught with a tooth in the mouth. The old blow pipe required more fire and the thicker ornaments which were more heavy in weight. Now the soldering gun {connecting blow pipe} is used, it does not need to be given a separate fire. Because it has a motor that vents and an adjustment to control the pressure, it is attached directly to the gas cylinder. Soldering systems are also different in terms of low pressure and high pressure soldering systems requiring low pressure soldering systems and high pressure soldering systems to perform large tasks such as melting gold. One must use very carefully these soldering systems when making ornaments which are of less weight, especially because they tend to match quickly and may cause damage to the jewelry, which increases the cost of the jewels due to the increase in wastage. Now a new technique has been developed in the market laser-soldering. It is very expensive so it is not preferable for making jewelry in India, but if a new jewel breaks, its use remains the best, because adding new broken jewelry does not make it black and does not spoil its shine.

Monday, 11 May 2020

JEWELLERY MAKING TOOL PLIERS

प्लासी,जंबूरी [जमूरी ] 

  प्लासी  या जमूरी  ये टूल कुछ बिजली के काम वाले प्लास से मिलता जुलता है पर ये आकर में थोड़ा छोटा होता है और बहुत उपयोगी भी है। इसकी चोंच लम्भी और थोड़ी तीखी होती है। ये गहने बनाने के काम में कई जगह काम आता है जैसे रिंग बनाने के लिए आदि। इसमें अलग-अलग शेप के टूल आते हैं जैसे :- फ्लैट {समतल } नाक वाली, बेंड {मुढ़ी हुई }नाक वाली, गोल {राउंड} नाक वाली, रिंग पकड़ने करने वाला, तीखी नाक वाला आदि।  

PLIERS

Plier, This tool resembles some electric work plass, but it is slightly smaller in shape and is also very useful. Its beak is long and slightly sharp. These are used in many places in jewelry making such as ring making etc. It comes with different shape tools such as:- Flat nose, Bend {folded} nose, Round nose, Ring holding, Sharp nose pliers etc.
 



Saturday, 9 May 2020

JEWELRY DAPPING BLOCK AND SETS

मकाल {पासा } और टोहने 
 मकाल , टोहने  सेट्स और पंच सेट्स , और ज्वेलरी बनाने के लिए अन्य शेपिंग ब्लॉक्स आपकी धातु के साथ चिकनी घुमावदार और गुंबददार आकृति बनाने में मदद करते हैं। टोहने  सेट अक्सर मकाल के साथ उपयोग किए जाते हैं और  किसी भी धातु के आकार को गुंबद के रूप बना के इस्तेमाल किया जा सकता है। लकड़ी के टोहने सेट का इस्तेमाल आमतौर पर सोने,चाँदी  के बजाय मेटल क्ले या पॉलीमर क्ले को आकार देने के लिए किया जाता है। इसको खास तोर पर जुमकी बनाने के लिए उपयोग किया जाता है या जब किसी गहने  में थोड़ी गुंबददार शेप देनी हो। 

DAPPING BLOCK, SETS AND PUNCHES
DAPPING BLOCK, DAPPING SETS and PUNCH SETS, and other shaping blocks to create jewelery help create a smooth curved and domed shape with your metal. DAPPING SETS are often used with DAPPING BLOCK  but any metal shape can be used for the dome. WOODEN SOPRTING SETS are commonly used to shape metal clay or polymer clay instead of gold, silver. It is used to make jumki on special occasions or when to give a slightly domed shape in any ornament.

Thursday, 7 May 2020

JEWELLERY MAKING TOOL SAW

आरी और ब्लेड्स

 आरी काटने के लिए ज्वैलर्स के बीच बहुत लोकप्रिय उपकरण है। आरी आरामदायक पकड़ और टिकाऊ के लिए मुलायम लकड़ी के हैंडल के साथ बनी होती है। गहनो की मरम्मत और गहने बनाने के लिए आरी का उपयोग होता है। ये अडजस्टेबल होती है और ये ब्लेड्स के बिना किसी काम की नहीं है।इसमें ब्लेड को तनाव देकर पकड़ा जाता है जिससे कटाई आसान हो सके अंगूठी में जाली डालना, नागो वाले सेट में जाली डालना या कही भी जहा जाली डालनी हो या जहा कोई कटर न काट सकता हो वहा इसी का इस्तेमाल किया जाता है। इसे चलाने के लिए बहुत कुशलता की जरुरत होती है। हाथ से काम करने वाले ज्वैलर्स इसको इस्तेमाल करना अच्छे से जानते होते है। 

SAW FRAMES AND BLADES


Saw frame is a very popular tool among jewelers. The saw frame is made with a soft wooden handle for comfortable grip and durable. Saws are used to repair jewelry and make jewelry. saw frame is adjustable and it is useless without the blades. Blades are held in tension to make it easier to cut, forged into the ring, forged in a stones set, or wherever jeweler want to make a forge or there can not be cut a cutter, there saw is useful tool. It requires a lot of skill to run. Hand-employed jewelers are well aware of its use.

Wednesday, 6 May 2020

JEWELLERY TOOLS ANVIL

आयरन 


 आयरन, लोहे का टुकड़ा जो एक विशेष आकर में ज्वेलरी के काम के लिए तैयार किया जाता है। जब ज्वेलरी के काम में सोने को हथोड़े से  पीट कर कोई आकर देना होता है, तो इसी आयरन के उपर रख कर दिया जाता है। इसका ऊपर वाला हिस्सा समतल होता है। इसके आगे एक किश्ती आकर की शेप बनी होती है। ये एक तो बेंच के ऊपर बांदने वाली और दूसरी जमीन पर रखने वाली होती है। इसका वजन जायदा होना चाहिए ताकि जब इसपर सोना रख कर पीटा जाये तो आयरन हिले ना। इसकी किश्ती जैसी शेप ज्वेलरी में चतराई के काम आती है। अब एक कम वजन की आयरन भी यूज होने लगी है। इसका वजन लगभग १. ४० किलोग्राम होता है, ये स्टील और नायलॉन ब्लॉक और रबर के साथ तीन टुकड़ो का सेट है। इसमें जो एक मोटी रबर का बेस शामिल है वो पीटने की कम्पन और शोर को कम करता है। दूसरा स्टील का ब्लॉक जो सोने को पीटने के लिए है। तीसरा टुकड़ा एक मजबूत नायलॉन ब्लॉक है जो सोने के काम के लिए रबर के बेस में फिट बैठता है। यह एक अच्छी तरह से बनाया गया सेट है, और बेंच पर फालतू शोर और कंपन पैदा किए बिना काम में आता है।


ANVIL

Anvil, a piece of iron prepared in a special shape for jewelry work. When in jewelry work, gold is beaten with a hammer and given to someone shape, then it is placed on this anvil. It's top is flat. In front of it, like the shape of an boat is made. It is one that is tied above the bench and the other is to be kept on the ground. Its weight should be high so that when it is beaten by placing gold on it, anvil should not move. It's boat like front shape is used in jewelry for emboss the design. Now a low weight anvil is also being used. It's weight approx 1.140 k/g, it is a three-piece set with steel block, nylon block and rubber. A thick rubber base that is included in it reduces the vibration and noise of the beating. The second is a steel block to beat gold. The third piece is a strong nylon block that fits into the rubber base for gold work. It is a well-built set, and comes in handy without causing unnecessary noise and vibration on the bench.

Monday, 4 May 2020

Jewellery making tool file

  रेत्ती  
रेत्ती  के ऐसा औज़ार जिससे हम किसी ज्वेलरी को सही शेप देते है।  ज्वेलरी बनाते समय कई बार ज्वेलरी की साइड पर धोड़ी बहुत जुथ बच जाती है, उसे साफ़ करने के लिए रेत्ती का प्रयोग किया जाता है। रेत्तीया लोहे की और डायमंड की होती है, डायमंड का मतलब यहाँ हीरे से नहीं बल्कि एक ऐसा मटिरिअल से है जो बहुत हार्ड हो से जो जल्दी घिसे न। पूरे विश्व में कई कामो में रेत्ती का प्रयोग किया जाता है, जैसे कि लोहे के, लकड़ी के, दाँत बनाने के, सोने के आदि।   हर कोई अपने काम के अनुसार ही रेत्ती का प्रयोग करता है।   जेवर बनाने के काम में रेत्ती का उपयोग जब से विश्व में जेवर बनाने का काम शुरू हुआ है तब से हो रहा है।  ज्वेलरी के काम में मुख्य रूप में ये है :-                                                                                                                                                                                                            
No.
1.मिल रेत्ती यह एक समान्तर चौड़ाई की रेत्ती है। इसमें कट सिंगल होते है।
2.फ्लैट रेत्ती मिल फ़ाइल के समान है, लेकिन कट डबल होते है।
3.चौकोर रेत्ती धीरे-धीरे टेप की गई और चारों तरफ से कट की गई।
4.तीन वर्ग / त्रिकोणीय रेत्ती तीन साइड वाली होती है, इसे टकोरा भी कहते है।
5.हाफ राउंड रेत्ती ये एक साइड से फ्लैट और दूसरी साइड से आधी गोल होती है।
6.गोला रेत्ती पुरे ३६० डिग्री में घूमी होने के कारन ही ये गोला रेत्ती है।
7.क्रासिंग रेत्ती ये हाफ राउंड जैसी ही होती है मगर ये दोनों तरफ से बेजा टाइप की होती है,जो आगे बढ़ाने से एक दूसरे के किनारो को काट देती है।
8.पोलिश रेत्ती जब जेवर बनाने में रेत्तीयो का काम ख़तम हो जाता है तब जिस सतह पर बाकी रेत्तीयो का उपयोग किया था उस सतह को मुलायम बनाने के लिए इस रेत्ती का उपयोग किया जाता है।
                                                                                                                                                                                          रेत्तीया  और भी कई प्रकार की होती है पर जायदातर ये ही रेत्तीया काम में रेगुलर यूज़ होती है। आजकल जेवर बनाने वाले डायमंड रेत्तीयो का उपयोग जायदा करने लगे है क्योकि ये जल्दी ख़राब नहीं होती।                                                                                                             FILES

Such a tool of file that gives the right shape to any jewelry. While making the jewelery, the bar on the side of the jewelery is often left very thick, a file is used to clean it. Files are make of iron and diamond, diamond does not mean diamond here but from a material that is very hard which does not damage quickly. File is used in many works throughout the world, such as IRON WORK, WOODEN WORK, TEETH MAKING WORK, GOLD WORK etc. Everyone uses file according to their work. The use of file in jewelry making has been in use ever since the world started making jewelry. It is mainly in the work of jewelery : -                                                                                                                                                               

No.
1. Mill File It is a parallel width file. It consists of cut singles.
2.Flat File It is similar to a mill file, but the cuts are double.
3.Squared File Gradually taped and cut from all four sides.
4.Three Square / Triangular File It has three sides, it is also called Takora file.
5.Half Round File It is flat from one side and half oval shape from the other side.
6.Gola File It is a Gola File due to the entire 360 ​​degree rotation.
7.Crossing File It is similar to half round but it is of oval type on both sides which cuts each other's edges by pushing forward.
8.Polishing File When the work of making files in jewellery is finished, then the file is used to soften the surface on which the rest of the files were used.
                               There are many other types of files, but these are the regular uses in files work. Now-a-days, diamond makers have started to use diamonds because they do not deteriorate quickly.

Saturday, 2 May 2020

Jewellery making tools RING SIZE GAUGE

अंगूठी का माप  लेने वाले छल्ले 

                                     सारे संसार में हर व्यक्ति  की उंगलियों का माप अलग-अलग होता है | उसके लिए हर साइज के छल्ले जिसमे १ से ले के ३६ नंबर तक के छल्ले हो की जरूरत पड़ती है | इन छल्लो का माप दुनिया भर में एक समान होता है इसलिए कोई भी जिसने अपने साइज की अंगूठी बनवानी हो वो इन छल्लो का उपयोग करता है | अंगूठी बनाने का काम सुनार करता है इसलिए ये छल्ले हर ज्वेलरी शोरूम में वो छोटी दुकान  हो या बड़ा  शोरूम सब में मौजूद  होते है | ये दो प्रकार के होते है एक पलास्टिक के दूसरे स्टील के | कुछ समय पहले भारत में पलास्टिक के छल्ले यूज़ होते थे मगर पलास्टिक के छल्लो का कोई सटैंडर्ड न होने के कारन {ये कही छोटे तो कही बड़े होते थे } ज्वेलरी शॉप्स वालो ने ये  रखने बंद कर दिए है | अब इन की जगह स्टील के छल्लो ने ले ली है क्योकि इन का एक स्टैंडर्ड होता है | ये पूरी दुनिया के एक समान साइज के ही मिलेंगे फिर चाहे वो अमेरिका हो या भारत या कोई और देश |                                                                                               
 RING SIZE GAUGE                                                                                              In the whole world, the measurement of fingers of every person is different. For that, rings of every size, ranging from 1 to 36, need to be. The size of these rings is similar around the world, so anyone who wants to get their size ring used these rings. Ring making works as a goldsmith, so these rings are present in every jewelry showroom, be it a small shop or a big showroom. These are of two types, one is plastic, the other is steel. Some time ago plastic rings were used in India, but due to no standard sized use of plastic rings were stopped by jewelery shops. Now these have been replaced by steel rings as these have a standard. These will be of the same size all over the world, whether it is America or India or any other country.   

Friday, 1 May 2020

jewellery making tools Tweezer

                                             चिमटी                                                                       चिमटी का उपयोग विश्व-भर में काफी समय से हो रहा है |  गूगल बाबा के अनुसार इसका उपयोग लगभग ३००० ईसा-पूर्व से भारत में हो रहा है | चिमटी मजबूत होनी चाहिए ताकि इसमें पकड़ी हुई चीज़ अपने-आप न फिसले | चिमटी का प्रयोग भी कई कामो में होता है | जैसे घड़ी बनाने के काम में, इलेक्ट्रॉनिक रिपेयर के काम में जैसे टीवी रिपेयर, टेपरिकॉर्डर रिपेयर  या जहाँ भी बारीक़ सामान उठाना हो, जो हाथ से नहीं उठाया जा सकता उस के लिए चिमटी का प्रयोग किया जाता है | ज्वेलरी बनाने का काम भी इन्ही कामो में से एक है जिन में चिमटी का काम सबसे जयादा होता है , क्योकि जेवर जब भी बनाया जाता है वो कई छोटे-छोटे टुकड़ो में होता है जिन को सिर्फ चिमटी से ही उठाया जा सकता है | चिमटी की सहायता से छोटे-छोटे टुकड़ो को एक खास तरह की क्ले के ऊपर संजो कर डिज़ाइन किया जाता है | कुछ ज्वेलरी को तो डायरेक्ट चिमटी में पकड़ कर सीधे आग से जोड़ना पड़ता है | यह स्टेनलेस स्टील में होती है, जिसको  चुम्बक नहीं लगती | जेवर बनाने के काम में कई प्रकार की चिमटियो का प्रयोग किया जाता है उनको अलग-अलग नाम दिए गए है जैसे :-   फ्लैट मुँह वाली, बारीक मुँह वाली, लम्बे बारीक मुँह वाली, चुंडी या क्रॉस चिमटी, गोल मुँह वाली, सॉलिड चिमटी जिसको मोटी चिमटी भी कहते है आदि |                     
 TWEEZERS 

                                                                                Tweezers have been use around the world for a long time. According to Google Baba, it has been use in India since around 3000 BC. The tweezers should be strong so that something caught in it does not slip automatically. Tweezers are also used for many purposes. Like in watch making, electronic repair work such as TV repair, tape recorder repair,  or wherever fine lifting is done, tweezers are used for the hand which cannot be lifted by hand. Jewelry making is also one of these works where the tweezers are the most common, because whenever the jewelry is made, it is in many small pieces that can be lifted only with the tweezers. With the help of tweezers, small pieces are designed by storing them on top of a particular type of clay. Some jewelry has to be held in direct tweezers and attached directly to the fire. It is made of stainless steel, which does not look magnetized. Many types of tweezers are used in jewelry making, they are given different names such as: - Flat-mouthed, Fine-mouthed, Long-mouthed, Pinched or Cross tweezers, Round-mouthed, Solid tweezers Also called  Thick tweezers etc.